मैं तेरा साल की उम्र में छोड़ दिया दिया घर, शुरु की बिजनेस और आज हैं 6000 करोड़ रूपए के मालिक
I left home at the age of yours, started business and am the owner of 6000 crores today

जहां कुछ लोगों को पूरी पढ़ाई करने के बावजूद भी नौकरी नहीं मिल रही है, वहीं वहीं कुछ लोग पढ़ाई पूरी किए बिना ही अरबपति बन जाते हैं. ऐसा ही हुआ गुजरात के एक व्यक्ति के साथ. आज उनकी कंपनी लगभग 6,000 करोड़ रुपये का निर्यात करती है. यही नहीं यह कंपनी अपने कर्मचारियों को बोनस के साथ-साथ फ्लैट, कार, और ज्वेलरी भी देती है जिसकी वजह से कर्मचारी से बहुत ज्यादा खुश है।
सावजी ढोलकिया का जन्म गुजरात के अमरेली जिले में एक किसान परिवार में हुआ था. इलाके में सूखा होने के कारण उनके पिता बड़ी मुश्किल से अपना परिवार चला पाते थे. इतनी गरीबी में रहने के बावजूद भी सावजी को इस बात पर पूरा यकीन था कि वह एक दिन अपनी मेहनत से सब बदल कर रख देंगे।
जब वे 13 साल के थे तो उन्होंने दृढ़ निश्चय किया की वह इस स्थिति में हमेशा नहीं रहेंगे। सावजी के पिता ने उनसे पढ़ाई छोड़ देने को कहा. पिता जी सावजी के विचारों से बहुत क्रोधित हुए और उन्हें ज़ोरदार थप्पड़ लगाया लेकिन फिर भी सावजी ने अपनी सोच नहीं बदली. और उन्होंने चौथी कक्षा मेरी पढ़ाई छोड़ दी, और सूरत जाकर हीरा केंद्र में काम करने लगा. वह हीरा व्यवसाय में एक पॉलिश कारीगर का काम संभालते थे। इसके लिए उन्हें बहुत कम पगार मिलती थी लेकिन यह काम संभालते संभालते उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत सारी जानकारी इकट्ठा कर ले।
वर्ष 1984 में, सावजी ने अपने दो भाइयों के साथ मिलकर अपना छोटा हीरा चमकाने का काम शुरू किया. उन्होंने अपने काम को अच्छा करने के लिए बहुत मेहनत की और वर्ष 1992 में अपनी खुद की कंपनी कर दी। उनकी कंपनी लगातार प्रोग्रेस करती चली गई. साथ ही साथ वर्ष 2014 में उन्होंने अपने पसंदीदा 1,200 कर्मचारियों को फ्लैट, कार और आभूषण के रूप में लगभग 50 करोड़ रुपये का बोनस दिया. इसकी वजह से सावजी की चर्चा चारो ओर होने लगी।
सब्जी का कहना है कि कारीगरी है जो किसी भी कंपनी को आगे बढ़ा सकते हैं। यह कंपनी मुंबई से करीब 50 देशों को हीरे का निर्यात करती है.