Women’s World Cup: ‘नो बॉल’ ने तोड़ दिया मिताली राज का सपना, अब संन्यास को लेकर दिया बड़ा बयान
Women's World Cup: 'No Ball' broke Mithali Raj's dream, now made a big statement about retirement

महिला क्रिकेट टीम की घातक खिलाड़ी क्रिकेटर मिताली राज ने विश्व कप से पहले संन्यास लेने की बात कही है। इंडिया की कप्तान ने रविवार को साउथ अफ्रीका से पराजित होने के बाद और विश्व कप के सेमीफाइनल से बाहर होने बाद कहा कि ऐसी हार के बाद फौरन भविष्य के फैसले नहीं लिए जा सकते. मिताली राज 6 एकदिवसीय विश्व कप खेलने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं। वह जिस तरह से दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध हुए आखिरी लीग मैच में पराजित हुई हैं उन्हें इस सदमे से निकलने में वक्त लगेगा। मिताली की उम्र वर्तमान में 39 साल है। जब उनसे संन्यास के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘आपने आज जो हुआ उसे समझने और मुझे मेरे भविष्य के बारे में सोचने के लिए एक घंटे का भी समय नहीं दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘ जब आप विश्व कप के लिए एक साल से अधिक समय तक लगातार मेहनत के साथ तैयारी करते है और आपका अभियान इस तरह से समाप्त होता है तो काफी निराशा होती है. इसे स्वीकार करने और वहां से आगे बढ़ने में समय लगता है. मिताली ने कहा, ‘‘ किसी भी खिलाड़ी का भविष्य कैसा भी हो, मैंने वास्तव में अपने भविष्य के बारे में नहीं सोचा है. बता दें कि सचिन तेंदुलकर और जावेद मियांदाद के बाद यह तीसरी क्रिकेटर हैं जिन्होंने 6 विश्व कप खेले है। हालांकि उन्होंने अपने संन्यास के बारे में एक संकेत जरूर दिया था कि ‘जीवन का एक चक्र पूरा हुआ’ क्योंकि वह अपनी ‘यात्रा को खत्म करने की ओर देख रही है..
हालांकि जब मिताली से यह सवाल किया गया कि क्या टीम इंडिया के जर्सी में यह उनका आखिरी मैच था ? तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अभी इस पर बात करने के लिए सही स्थिति में नहीं हूं, मेरे लिए अभी अपने भविष्य पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. हमने आज जिस तरह का प्रदर्शन किया वह देखते हुए अभी भावनाओं पर काबू पाना मुश्किल है
यही नहीं इस विश्व कप से बाहर होने का असर इंडिया की दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी पर भी पड़ सकता है, वह मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से साउथ अफ्रीका के विरुद्ध मैदान पर नहीं उतर सकी थी. मिताली ने कहा, ‘‘ खिलाड़ियों की एक पीढ़ी जायेगी तो दूसरी आयेगी. टीम को आगे बढ़ते रहना होगा. हर विश्व कप के बाद टीम में हमेशा बदलाव होता है. इसमें नये चेहरे भी होंगे और कुछ अनुभवी खिलाड़ी होंगे.”
मिताली ने झूलन गोस्वामी के बारे में कहा कि ‘‘ मुझे यकीन है कि उनकी मौजूदगी से काफी फर्क पड़ता। उसे अलग – अलग तरह के पिचों और हर परिस्थिति में खेलने का इतने वर्षों का अनुभव है। गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व करने के लिए उनके जैसे दिग्गज खिलाड़ी के होने से काफी असर होता।
मिताली ने कहा, ‘‘ मुझे यकीन है कि वह बहुत निराश महसूस कर रही होगी कि भारतीय टीम के आखिरी मैच का वह हिस्सा नहीं बन सकी. उन्होंने कहा, ‘‘अभ्यास सत्र में वह चोटिल हो गयी थी और फिर उबरने में नाकाम रही. हम यह मैच जीतना चाहते थे ताकि वह सेमीफाइनल में टीम के साथ रहे. ”